Gangaur Vrat 2024: राजस्थान में गणगौर का पर्व बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है और देश के विभिन्न हिस्सों में इसे अलग-अलग रूप में मनाया जाता है। यह पर्व मां पार्वती को समर्पित है और इस पर्व में उनकी पूजा की जाती है। राजस्थान में गणगौर का अलग ही महत्व है। हर वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को गणगौर का पर्व मनाया जाता है और इस बार यह तिथि 11 अप्रैल को है।
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1 1 अप्रैल को गणगौर पर्व मनाया जाएगा
गणगौर की पूजा होली के दूसरे दिन से शुरू हो जाती है और 17 दिन तक महिलाएं शिव और मां पार्वती की पूजा करती है। चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन यह व्रत रखा जाता है। कुंवारी कन्याएं अच्छा पति पाने और सुहागिन महिलाएं पति के साथ सुखद जीवन व्यतीत करने के लिए इस व्रत को करती है। गणगौर पूजा चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि से शुरू होती है। महिलाएं मिट्टी के शिवजी यानी गण और माता पार्वती यानी की गौर बनाकर उनकी पूजा करती है।
गणगौर के साथ खत्म हो जाएंगे हिंदू पर्व
गणगौर की समाप्ति के दिन हिंदू पर्व भी 3 महीने के लिए खत्म हो जाते है। इसी वजह से इस पर्व को धूम धाम से मनाया जाता है और झांकियां भी निकलती हैं। सोलह दिन तक महिलाएं दूब और फूल चुन कर लाती हैं और गणगौर माता के छीटें देकर पूजा करती है। पूजा के अंतिम दिन बाद गणगौर विसर्जन किया जाता है जो उनका ससुराल माना जाता है। इसी वजह से एक कहावत बनी हुई है तीज त्योहारों बावड़ी ले डूबी गणगौर यानि तीज को त्योहारों का आगमन माना जाता है और गणगौर को समाप्ती।
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17 दिन
गणगौर का त्योहार फाल्गुन माह की पूर्णिमा (होली) के दिन से शुरू होता है, जो अगले 17 दिनों तक मनाया जाता है। शिव और माता पार्वती की पूजा व गीत गाए जाते हैं। इसके बाद चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके व्रत करते हुए गणगौर की कथा सुनती है।
गणगौर
गणगौर पर्व – 11 अप्रैल, 2024