हजारों मिन्नतें और दुनिया भर का दर्द लिए एक महिला कैसे जीवन जीती है इसका उदाहरण नागौर के तालनपुर गांव की एक दलित युवती है। जो पिछले चार सालों से दर दर भटकने को मजबूर है। यौन शोषण मामले की पीड़िता नागौर के थानाधिकारी गोटन की ओर से अभी तक आरोपितों के खिलाफ कोई कार्रवाई न होने से दुखी और परेशान है।
पीड़िता का कहना है आरोपी खुले घूम रहे हैं और उसे व उसके परिवार को धमका रहे हैं। वे लगातार केस वापस लेने के लिए दबाव बना रहे हैं। पीड़िता का कहना है कि रसूखदार होने के कारण आरोपित खुले में घूम रहे हैं। पिछली 14 अप्रैल 23 को तो आरोपित अश्लील वीडियो का भय दिखा उसे जबरन कार में बैठा लिया और जोधपुर ले गया। जहां होटल में 3 दिन तक उसे डरा धमकाकर दुष्कर्म किया। जिसके बाद 20 अप्रैल को रिपोर्ट भी दर्ज करवाई गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। वहीं पीड़ित पक्ष के लोगों को ही झूठे मामले में फंसा एफआईआर दर्ज करवाकर गिरफ्तार करवा दिया गया।
पुलिस थाना गोटन में दर्ज रिपोर्ट
जोधपुर में पढ़ने वाली यह युवती जब पढ़ने के लिए जा रही थी। तभी उसी गांव के आरोपित जयदेव बांगड़ा पुत्र परशुराम बांगड़ा उसे मिल गए। गांव का होने के कारण आरोपित ने लड़की पूछा की वो कहां जा रही है। पीड़िता ने भी बता दिया। इस पर आरोपित ने कहा वह भी जोधपुर जा रहा है। तो वह उसकी ऑल्टो कार में बैठ गई। जोधपुर पहुंचने के बाद उसने उसे दुकान से जूस लाकर पिला दिया। जिसे पीकर पीड़िता बेहोश हो गई। होश में आने पर वह एक होटल के कमरे में थी।
इस पर पीड़िता ने शिकायत करने की बात कही तो आरोपित ने अश्लील वीडियो के बारे में बताया और कहा कि वीडियो वायरल कर उसे और उसके परिवार को जान से मार देगा। जिसके बाद आरोपित कई वर्ष तक दुष्कर्म करता रहा। आरोपित ने 18 अप्रैल 22 को पीड़िता से कई कागजों पर हस्ताक्षर भी करवाए। घटना कि रिपोर्ट थाना गोटन पर दर्ज है। जिसमें भादस अधिनियम की धारा 147, 148, 341, 323, 354, 327, 307, 149 और एससी एसटी एक्ट की धारा भी लगी हुई है।
पीड़िता का कहना है कि आरोपितों ने पुलिस की मिलीभगत से पीड़िता के माता-पिता भाई एवं अन्य परिजनों के खिलाफ धारा 307 का झूठा मुकदमा दर्ज करवा दिया है। जिस पर पीड़िता के परिजनों को गिरफ्तार कर लिया गया।