बॉलीवुड एक्टर Randeep Hooda ने मणिपुर की रहने वाली मैतई समाज की लड़की Lin Laishram से विवाह किया है। इन दोनों का विवाह मणिपुर के रीति रिवाजों के अनुसार ही हुआ है जिसको लोग जबरदस्त रूप से पसंद कर रहे हैं। लिन लैशराम मॉडल, एक्ट्रेस और बिजनेस वुमन है। Lin की बॉलीवुड में पहली फिल्म ओम शांति ओम थी। इसके बाद उन्होंने 'मैरी कॉम' रंगून और उमरिका जैसी फिल्मों में काम किया है। लेकिन बड़ी बात ये है कि वो मैतई समाज की है जो मणिपुर में रहता है। ऐसे में आइए जानते हैं इस समुदाय और रीति रिवाजों के बारे में।
Meitei समुदाय क्या है।
मैतई समुदाय हिंदू धर्म का ही एक अंग है। इस समुदाय के बुजुर्गों ने 17वीं और 18वीं सदी में ही हिंदू धर्म स्वीकार किया था। इस समुदाय का जुड़ाव पूर्वी भारतीय मैत्रिक सम्राट अशोक के शासनकाल से जुड़ा है। इस साम्राज्य की सीमाएं म्यांमार से लेकर बांग्लादेश की सूरमा नदी तक फैली हुई थी।
मैतेई कौन सी जाति है
मैतेई मणिपुर में रहने वाला सबसे बड़ा और प्रमुख जातीय समूह है। मणिपुर की जनसंख्या में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53% है। इनमें से अधिकतक मैतई लोग इम्फाल घाटी में रहते हैं। जबकि 40 फीसदी लोग आदिवासी हैं, जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं। ये लोग ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं।
कुकी और मैतेई में ये है अंतर
भारत के मणिपुर राज्य में में 3 मुख्य समुदाय रहते हैं जिनमें मैतेई, कुकी और नागा शामिल हैं। मैतेई समुदाय की आबादी राज्य में सबसे अधिक है। ये लोग अधिकतर इंफाल घाटी में बसे हैं। जबकि कुकी और नागा आदिवासी समुदाय के लोग लोग पहाड़ी इलाकों में रहते है
मणिपुर में कितने हिंदू है
आपको बता दें कि मणिपुर में हिंदू और ईसाइयों की जनसंख्या लगभग बराबर यानी 41-41 प्रतिशत है। इसके अलाव राज्य में लगभग 32 लाख की आबादी में 9 प्रतिशत मुस्लिम हैं।
मणिपुरी लोग इसलिए प्रसिद्ध हैं
मणिपुरी लोग सिंचित खेतों में चावल की खेती करते हैं। ये लोग घोड़े पालने में माहिर होते हैं। पोलो इनका सबसे प्रिय खेल है। ये लोग फील्ड हॉकी, नाव दौड़, नाट्य प्रदर्शन और नृत्य के मामले खूब जाने जाते हैं। मणिपुरी शैली नृत्य और पोशाक पूरे भारत में प्रसिद्ध है।
इन राज्यों में भी रहते हैं मैतेइ लोग
आपको बता दें कि मैतेई समुदाय के लोग सिर्फ मणिपुर ही नहीं पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में भी रहते हैं। इनमें असम, त्रिपुरा, नगालैंड, मेघालय और मिजोरम शामिल है। इसके म्यांमार और बांग्लादेश में भी मैतेई समुदाय के लोग रहते हैं।