Fire year 2025 astrology Mars Rahu Ketu conjunction: आज हम बात करने जा रहे हैं साल 2025 के उस पहलू की, जिसने पूरी दुनिया को चिंता में डाल दिया है। अग्नि दुर्घटनाओं का रहस्य और उसका ज्योतिषीय कारण। क्या ये Jaipur bus fire महज संयोग है कि 2025 में आग से जुड़ी घटनाएं इतनी तेजी से बढ़ी हैं? या फिर इसके पीछे ग्रहों का कोई रहस्यमय खेल चल रहा है?
आज हम समझेंगे मंगल, राहु और केतु के उस विस्फोटक योग को, जिसने इस साल को ‘अग्नि-वर्ष’ बना दिया है। वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह को अग्नि, ऊर्जा, जोश और युद्ध का प्रतीक माना गया है। लेकिन जब यह ग्रह असंतुलित या क्रूर स्थिति में होता है, तो यह वही जोश विनाश का कारण बन जाता है। साल 2025 में मंगल की स्थिति कुछ ऐसी ही रही — तीव्र, अस्थिर और उग्र। मंगल-केतु का संयोग, जो सिंह राशि में बना, ज्योतिषियों के अनुसार अग्नि तत्व को चरम पर ले गया। केतु आध्यात्मिक ग्रह है, पर जब यह मंगल जैसे अग्नि ग्रह के साथ जुड़ता है, तो परिणाम होते हैं धमाके, विस्फोट और आकस्मिक आग की घटनाएं। इस वर्ष मार्च से सितंबर तक मंगल ने कई बार अपनी स्थिति बदली, और हर बार किसी न किसी हिस्से में आग, विस्फोट या हादसे की खबर आई।
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इसे ज्योतिषियों ने नाम दिया Fire year 2025 astrology Mars Rahu Ketu conjunction — मैलेफिक प्लैनेटरी स्टॉर्म, यानी अशुभ ग्रहों का तूफ़ान। राहु की छाया और मंगल का प्रकोप इस दौरान चरम पर रहे। यही कारण है कि भारत समेत दुनिया भर में अग्नि दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ी। कहीं फैक्ट्री में धमाका हुआ, कहीं बस में आग लगी, तो कहीं अस्पताल में हादसा हुआ। ज्योतिषीय दृष्टि से ये सारे संकेत मंगल और राहु के तनावपूर्ण संयोग से मेल खाते हैं। अगर हम भविष्यवाणियों की बात करें, तो बुल्गारिया के प्रसिद्ध भविष्यवक्ता बाबा वंगा ने भी 2025 के बारे में चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि साल 2025 दुनिया के लिए दोहरी अग्नि का वर्ष होगा। इसका अर्थ था, धरती पर प्राकृतिक और मानवीय — दोनों तरह की आग बढ़ेगी। एक ओर जंगलों की आग, तो दूसरी ओर युद्ध जैसी स्थितियां।दिलचस्प बात यह है कि वैदिक ज्योतिष में भी यही संकेत मिले। मंगल का उग्र प्रभाव न केवल पृथ्वी पर आग लगने की घटनाओं को बढ़ाता है, बल्कि यह युद्ध, हिंसा और आक्रोश का भी कारक बनता है। यानी मंगल का यह वर्ष न केवल भौतिक अग्नि, बल्कि मानसिक और राजनीतिक ‘अग्नि’ का भी प्रतीक है।
प्रमुख हादसे या दुर्घटनाएं
2025 की शुरुआत से लेकर अक्टूबर तक आग से जुड़ी घटनाएं मानो हर महीने खबरों में रहीं। Fire year 2025 astrology Mars Rahu Ketu conjunctionएक अप्रैल को बनासकांठा, गुजरात में पटाखा फैक्ट्री में बॉयलर फटा, 15 लोगों की मौत हुई। आग इतनी तेज थी कि पास के तीन गोदाम भी राख हो गए। 10 अप्रैल को ग्वालियर, मध्य प्रदेश में मुख्य बाजार में शॉर्ट सर्किट से आग लगी, जिसने पूरी मार्केट को अपनी चपेट में ले लिया। 12 लोगों की जान गई, करोड़ों का नुकसान हुआ। 18 मई को जम्मू की आवासीय इमारत में लगी आग से 8 लोगों की मौत। स्थानीय लोग कहते हैं, पहले हल्का विस्फोट हुआ, फिर पूरी इमारत जल उठी। 4 जून को सिवाकासी, तमिलनाडु में पटाखा फैक्ट्री में धमाका, 5 की मौत हुई। हर बार की तरह प्रशासन ने जांच के आदेश दिए, पर सुरक्षा मानकों पर सवाल वहीं के वहीं रहे। एक जुलाई को सिगाची इंडस्ट्रीज, दक्षिण भारत में रासायनिक कारखाने में विस्फोट, 39 लोगों की मौत हुई। यह इस साल की सबसे भीषण औद्योगिक दुर्घटना रही। फरवरी से मार्च तक देश के मध्य भागों और हिमालयी राज्यों में हजारों जंगलों में आग। कई जगह हफ्तों तक धुआं छाया रहा, पर्यावरण विशेषज्ञों ने इसे मिनी क्लाइमेट डिजास्टर कहा। 6 अक्टूबर को जयपुर के एसएमएस अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में आईसीयू में लगी आग ने 8 मरीजों की जान ले ली। 14 अक्टूबर को जैसलमेर चलती बस में लगी आग ने 25 यात्रियों की जिंदगी छीन ली। पूरा राजस्थान शोक में डूब गया। 19 अक्टूबर को दिल्ली में सांसदों के आवासीय फ्लैट्स में आग लगी। 24 अक्टूबर को आंध्र प्रदेश के कुरनूल में हाईवे पर बस और बाइक की टक्कर से आग लगी। 23 लोगों की मौत, 20 घायल हुए।दीपावली पर दिल्ली में पटाखों से 400 से अधिक अग्निशमन कॉल दर्ज हुईं। हालांकि मौत नहीं हुई, लेकिन साफ है कि जोखिम बढ़ा ही है।
क्या वाकई ग्रह इतना प्रभावी होते हैं

आइए जानते हैं इस सारे मामले में ज्योतिष का क्या कहना है। आचार्य अनुपम जॉली ने ज्योतिष के अनुसार बताया है कि सवाल उठता है कि क्या ये सब महज संयोग है? या वाकई ग्रह-नक्षत्रों का असर हमारे जीवन पर इतना गहरा है? ज्योतिष के जानकारों का मानना है कि राहु और केतु के साथ मंगल की युति जब भी बनती है। 18 मई 2025 को शाम राहु केतु ने राशि बदली थी। तब केतु सिंह राशि में आ गए। ऐसे में सिंह और केतु दोनों ही अग्नि तत्व हैं। इसलिए ऐसी दुर्घटनाएं, हिंसा और आग जैसी घटनाएं बढ़ जाती हैं। इससे ऐसी घटनाएं यदा कदा होती रहेंगी। इतिहास गवाह है कि 1992, 2001 और 2019 में जब ऐसे योग बने, तब भी भूकंप, दंगे और विस्फोट जैसी घटनाएं हुईं। 2025 में यह योग और भी खतरनाक बना क्योंकि इसके साथ सूर्य ग्रहण और शनि की दृष्टि भी सक्रिय रही। शनि जहां कर्म और न्याय का ग्रह है, वहीं सूर्य सत्ता और ऊर्जा का प्रतीक है। तीनों के बीच टकराव ने ऊर्जा असंतुलन पैदा किया। और यही ऊर्जा कई जगह अग्नि रूप में प्रकट हुई।
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